संस्थान की ओर से चलाए जा रहे ‘दहेज को कहें ना!‘ अभियान को निरंतर गति देने की कोशिशों के तहत सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं। गौरतलब है कि नारायण सेवा संस्थान न सिर्फ दिव्यांगों की भलाई के काम में जुटा है, बल्कि संस्थान का निरंतर यह भी प्रयास रहा है कि दिव्यांग लोगों को समाज में सामान्य तौर पर स्वीकार किया जाए और उन्हें आगे बढ़ने के समान अवसर उपलब्ध कराए जाएं।
नारायण सेवा संस्थान ने समाज के वंचित वर्ग के लोगों और दिव्यांगों के लिए निशुल्क सामूहिक विवाह समारोहों के आयोजन के माध्यम से समाज में दहेज के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया है। नवविवाहित जोड़ों के लिए एक नई शुरुआत के रूप में, एनएसएस सभी विवाहित जोड़ों को कन्यादान के रूप में घरेलू उपकरण और उपहार भेंट करेगा।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘किसी भी परंपरा या किसी भी संस्कृति में एक संस्था के रूप में विवाह एक बहुत खास अवसर होता है। इसी सिलसिले में हम पिछले 18 वर्षों से सामूहिक विवाह समारोहों का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहे हैं। सामूहिक विवाह समारोह के माध्यम से समाज के वंचित वर्ग और दिव्यांग लोगांे को अपना जीवनसाथी तलाशने में और एक नई जिंदगी की शुरुआत करने में सहायता मिलती है। संस्थान में हम मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान और समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है। सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन वंचितों के जीवन में रोशनी लाने और उनके जीवन में थोड़ी-सी खुशियां लाने का एक अनूठा तरीका है।‘‘
श्री अग्रवाल ने आगे कहा, ‘‘नवविवाहित दंपती के लिए सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास की पेशकश करते हुए लिए हम सामूहिक विवाह समारोहों के साथ-साथ उनके लिए निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी, कौशल विकास की कक्षाएं, उनकी प्रतिभा को निखारने वाली गतिविधियों का भी आयोजन करते हैं।‘‘सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, गु